फ्री लाइब्रेरी नेटवर्क से सम्बंधित कुछ आम सवालों के जवाब

डॉक्यूमेंट सेक्शन

सेक्शन 1: फ्री लाइब्रेरी नेटवर्क (एफ.एल.एन) और एफ.एल.एन का सदस्य कौन बन सकता है

फ्री लाइब्रेरी नेटवर्क (एफ.एल.एन) क्या है?

एफ.एल.एन पूरे भारत और दक्षिण एशिया में निःशुल्क पुस्तकालयों, पुस्तकालय में काम करने वालों, और पुस्तकालय आंदोलन से जुड़े कार्यकर्ताओं का संगठन है। हमारा लक्ष्य है — हर एक को किताबें पढ़ने का अधिकार और हर एक को किताबें पढ़ने की सुविधा। एफ.एल.एन की कोशिश है कि सब के हाथों में पुस्तकें निःशुल्क पहुंचें और नए पाठकों को उभरने में सहायता व प्रोत्साहन मिले, चाहे ये सब करने का साधन स्वयं उनके पास हो या नहीं।

हम क्या करते हैं?

एफ.एल.एन. भारत में निःशुल्क पुस्तकालयों के लिए प्रचार करता है और उनकी स्थापना में सहयोग देता है। एफ.एल.एन. की मांग है, एक मज़बूत सार्वजनिक पुस्तकालय व्यवस्था, यानी पब्लिक लाइब्रेरी सिस्टम, जो हर व्यक्ति और बच्चे के पहुंच में हो और जहाँ सभी का स्वागत हो। अपने प्रयासों के जरिये, एफ.एल.एन. भारत में एक निःशुल्क पुस्तकालय आंदोलन रच रहा है। 

एफ.एल.एन. निम्नलिखित तरीकों से निःशुल्क लाइब्रेरियों की स्थापना में सहयोग देता है –

  1. निःशुल्क पुस्तकालयों का महत्व, पुस्तकों तक सब की पहुँच, और सार्वजनिक पुस्तकालय व्यवस्था के लिए संसाधन और पैसे जुटाने का महत्व – इन मुद्दों पर प्रचार, और सरकार व अन्य संस्थानों के साथ चर्चा।
  2. शैक्षणिक अनुसंधान और जमीनी अनुभव द्वारा पुस्तकालय पाठ्यक्रम और श्रेष्ठ प्रथाओं का विकास और उनको साझा करना।
  3. पुस्तकालय चलाने की अच्छी प्रथाएं और पुस्तकालय पाठ्यक्रम — ऍफ़.एल.एन. से जुड़े सदस्यों और संगठनों को इनमें प्रशिक्षण देना। पब्लिक फंडिंग कैसे मिले, प्रकाशकों से संपर्क कैसे किया जाय, नई किताबें कैसे मिलें — इन विषयों से सम्बंधित संसाधनों को उनके साथ साझा करना।
  4. ‘बुक्स फॉर आल’ यानी ‘किताबें सब के लिए’ प्रोग्राम के जरिये पुस्तक-वितरण करना।
  5. निःशुल्क पुस्तकालय आंदोलन से जुड़े विभिन्न संस्थाओं के साथ एक मजबूत नेटवर्क और गठबंधन का निर्माण।

ऍफ़.एल.एन. का सदस्य कौन बन सकता है?

कोई भी संस्थान जो निःशुल्क पुस्तकालय चला रहा हो, ऍफ़.एल.एन. का सदस्य बन सकता है। ऐसे व्यक्ति जिन्होंने निःशुल्क पुस्तकालय में काम किया हो या वे निःशुल्क पुस्तकालय आंदोलन से जुड़े हों और उनको सामुदायिक पुस्तकालय में काम करने का अनुभव हो, वे ऍफ़.एल.एन. के सदस्य बन सकते हैं। शिक्षक, सामाजिक कार्यकर्ता, और पुस्तकों और पठन को लोगों तक पहुंचाने के प्रयासों से जुड़े शोधकर्ता भी ऍफ़.एल.एन. के सदस्य बन सकते हैं। (ऍफ़.एल.एन. द्वारा समीक्षा के बाद।)

ऍफ़.एल.एन. का सदस्य कौन नहीं बन सकता है?

  1. पैसे देने वाले (फंडिंग) और कार्यान्वयन (इम्प्लीमेंटेशन) संगठन
  2. निजी और संस्थागत पुस्तकालय या संगठन जो सदस्यता शुल्क या कोई अन्य लागत (जैसे सुरक्षा जमाराशि) लेते हों, व उनसे जुड़े कर्मचारी। 
  3. जो संस्थान, संगठन, पुस्तकालय, और पुस्तकालय व्यवसायी गैर-भेदभाव और समावेश के सिद्धांतों का पालन नहीं करते हैं।

जो एफ.एल.एन. के सदस्य नहीं बन सकते, वे एफ.एल.एन. से कैसे जुड़ सकते हैं?

ऐसे संगठन और/या व्यक्ति जो एफ.एल.एन. के उद्देश्य से सहमत हों और शिक्षा, पुस्तकालयों, और पुस्तकों व पठन को लोगों तक पहुंचाने के प्रयासों से जुड़े हों — वे एफ.एल.एन. और उसके सहयोगी संगठनों के साथ फंडिंग, अनुसंधान, प्रचार, व प्रशिक्षण के क्षेत्र में काम कर सकते हैं। ये कार्य एफ.एल.एन. या उसके सहयोगी संगठनों के माध्यम से होंगे, या उनके द्वारा नियुक्त किये गए कोऑर्डिनेटरों के माध्यम से। अगर आप खुद को या अपने संसथान को इस भूमिका में देखते हैं, तो कृपया हमसे संपर्क करें। हम आपका एफ.एल.एन. के मित्र के तौर पे स्वागत करेंगे। कृपया हमें एक इमेल भेजिए ताकि हम आपको एफ.एल.एन. समाचार से अवगत रख सकें और आप देख सकें कि बिना सदस्य बने आप किस प्रकार ऍफ़.एल.एन. से जुड़ सकते हैं।

मैं या मेरा संगठन एफ.एल.एन. का सदस्य कैसे बन सकता है?

एफ.एल.एन. का सदस्य कब और कैसे एफ.एल.एन. की सदस्य्ता छोड़ सकता है?

  1. कोई संगठन या व्यक्ति ईमेल के माध्यम से एफ.एल.एन. अधिकारियों को सूचित करके एफ.एल.एन सदस्यता छोड़ सकता है। सदस्यता छोड़ने के बाद, वे (सोशल-मीडिया सहित) किसी भी मंच पर एफ.एल.एन. से जुड़े होने का कोई भी दावा नहीं करेंगे, एफ.एल.एन. सदस्यता से प्राप्त होने वाले किसी भी लाभ की उम्मीद नहीं करेंगे, और न ही कोई लाभ उठाएंगे।
  2. एफ.एल.एन. को किसी भी सदस्यता को रद्द करने का अधिकार है यदि वह पुस्तकालय संस्था या व्यक्ति अपनी कार्य-प्रणाली बदल देता है और ये बदलाव एफ.एल.एन के मिशन या मूल्यों के साथ ताल-मेल नहीं रखते हैं।
  3. एफ.एल.एन. को किसी भी सदस्यता को रद्द करने का अधिकार है यदि वह पुस्तकालय संस्था या व्यक्ति, एफ.एल.एन. के कार्य और मूल्यों को गलत तरीके से प्रस्तुत कर रहा हो।
  4. एफ.एल.एन. को किसी भी सदस्यता को रद्द करने का अधिकार है यदि वह पुस्तकालय संस्था या व्यक्ति ऐसी गतिविधियों से जुड़ा हो जो एफ.एल.एन. के लिए या किसी सदस्य के लिए हानिकारक सिद्ध हो सकती हैं।

सेक्शन 2: निःशुल्क पुस्तकालय (फ्री लाइब्रेरी) और निःशुल्क पुस्तकालय आंदोलन (फ्री लाइब्रेरी मूवमेंट)

निःशुल्क पुस्तकालय क्या होता है?

एक निःशुल्क पुस्तकालय अपने सदस्यों को पुस्तकें और पठन सेवाएं निःशुल्क प्रदान करता है। और, ये सब एक ऐसे वातावरण में, जहां ज्ञान और विद्या के माध्यम से सोचने की आज़ादी, कुछ बनाने की आज़ादी, और खुद को सशक्त करने की आज़ादी को सराहया जाता हो। किसी भी सदस्य को पुस्तकालय के रख-रखाव के लिए कोई रकम नहीं देनी होती है, और न ही कोई रकम देने की अनुमति होती है। पुस्तकालय में सदस्यता शुल्क न होने को टोकनवाद के रूप में नहीं बल्की एक अधिकार के रूप में देखा जाना चाहिए। निःशुल्क पुस्तकालय जाति, वर्ग, धर्म, लिंग, या विकलांगता के आधार पर सदस्य्ता वर्जित नहीं करती है।

फ्री लाइब्रेरी मूवमेंट यानी निःशुल्क पुस्तकालय आंदोलन क्या है?

निःशुल्क पुस्तकालय आंदोलन का उद्देश्य है, ऐसे पुस्तकालयों का निर्माण जो नि:शुल्क हों और जिनके द्वार सभी के लिए खुले हों, बिना किसी भेदभाव के और हर जाति, वर्ग, धर्म, यौन अभिविन्यास, लिंग, विकलांगता, शैक्षणिक पृष्ठभूमि के व्यक्ति के लिए।

इस आंदोलन के रचयिता हैं, भारत और दक्षिण एशिया के निःशुल्क पुस्तकालय, इन पुस्तकालय में काम करने वाले, और पुस्तकालय आंदोलन के कार्यकर्ता। आंदोलन का उद्देश्य सब के लिए पढ़ने के हक़ को साकार करना और क़िताबें हर एक के हाथ में आसानी से पहुंचे, इस सपने को साकार करना। पढ़ने का अधिकार, आनंद के लिए पढ़ना, और ‘पढ़ना ही सोचना है’ — निःशुल्क पुस्तकालय आंदोलन, क़िताब और ज्ञान से जुड़े इन तीनों पहलुओं को बढ़ावा देता है। 

एफ.एल.एन. मॉडल पर आधारित एक समुदायिक निःशुल्क लाइब्रेरी कैसा होता है?

एफ.एल.एन. का मानना है कि पढ़ने का अधिकार एक मौलिक अधिकार है, और इस अधिकार को साकार करने का माध्यम है नि:शुल्क पुस्तकालय जो अपने सदस्यों को उच्च कोटि की सेवाएं प्रदान करते हैं।

एक आदर्श निःशुल्क पुस्तकालय कुछ ऐसा होगा —

  1. निःशुल्क सदस्यता और सब के लिए खुला: यह पुस्तकालय सबसे अच्छे स्तर की किताबें और पठन सम्बंधित सेवाएं निःशुल्क प्रदान करेगा, एक ऐसे वातावरण में जहां ज्ञान प्राप्ति के जरिये सोचने, कुछ रचने, और स्वयं को सशक्त करने को सरहाया जाएगा। यहां सबका स्वागत होगा, चाहे वो किसी भी सामाजिक या आर्थिक पृष्ठभूमि से हों, और बिना किसी भेद-भाव के सबको एक स्तर की सेवाएं मिलेंगी।
  2. श्रेष्ट कोटि के पुस्तक-संसाधन और अन्य सामग्री: एक निःशुल्क पुस्तकालय में सदस्य और पुस्तक का आदर्श अनुपात 1:10 का होना चाहिए या वहां कम से कम 2,500 पुस्तकों का संग्रह होना चाहिए (अलग-अलग शैलियों में अकादमिक और गैर-शैक्षणिक पुस्तकें, अख़बार, और पत्रिकाओं सहित)। यह संग्रह पुस्तकालय के आस-पास रहने वाले लोगों की ज़रूरतों को देखते हुए बनाना चाहिए — वे किन भाषाओं का प्रयोग करते हैं, उनका झुकाव किस ओर है, उनकी आकांक्षाएं क्या हैं। पुस्तकालय में विकलांग लोगों के लिए भी पर्याप्त संसाधन होने चाहिए।
  3. पठन कार्यक्रम: एक निःशुल्क पुस्तकालय केवल उनके लिए नहीं होता है जो पहले से किताबें पढ़ते हों बल्कि उनके लिए भी जो किताबें नहीं पढ़ पाते हैं, क्योंकि उनके पास किसी अच्छे पुस्तकालय जाने तक की पहुंच नहीं होती है। भारत में इसका मतलब है, किसी भी ऐसे पुस्तकालय में एक मजबूत पठन कार्यक्रम का होना, चूँकि यहां प्रायः अधिकांश सदस्य अपने घर-परिवार से पुस्तकालय आनेवाली पहली पीढ़ी के होते हैं, खासकर अगर ये बच्चे या किशोर-किशोरी होते हैं।
  4. सामुदायिक भागीदारी और स्वामित्व: एक टिकाऊ, उत्तम पुस्तकालय बनाने के लिए यह आवश्यक है कि जहां भी पुस्तकालय स्थित है उस जगह के लोग, यानी वहाँ की समुदाय, ही पुस्तकालय को चलाए, व उसकी नीतियों, कार्यक्रमों और पुस्तक-संग्रह को तैयार करे। पुस्तकालय का अपना नेतृत्व-प्रशिक्षण व पुस्तकालय-प्रशिक्षण मॉडल होना चाहिए जो स्थानीय समुदाय के सदस्यों को हर तरह से पुस्तकालय चलाने योग्य बना सके। पुस्तकालय को सदस्यों के परिवार और गैर-सदस्यों के साथ संपर्क रखना चाहिए जिससे स्थानीय समुदाय के साथ एक जवाबदेही और परामर्श का रिश्ता कायम रहे।
  5. सुरक्षा और समावेशिता नीति: सभी अच्छे पुस्तकालय निम्न्लिखित विषयों पर नीतियां बना के रखते हैं (i) बाल सुरक्षा और संरक्षण (ii)सभी लिंगों, जातियों, वर्गों, धर्मों, जातीय-पहचान और दिव्यांगजनों के लिए समावेशिता (iii) सामाजिक-मीडिया व अन्य मीडिया नीति (iv) डिजिटल अधिकार, जिम्मेदारी और सुरक्षा नीति
  6. रिकॉर्ड और दस्तावेज: पुस्तकालयों को इन के लिए लिखित या डिजिटल रिकॉर्ड रखना चाहिए (i) सदस्य (ii) पुस्तक कैटलॉग (iii) सर्कुलेशन हिस्ट्री यानी परिसंचरण इतिहास (iv) पठन कार्यक्रम (v) पुस्तकालय में कितने लोग आते-जाते हैं (vi) विशेष हस्‍तक्षेप/कार्यशाला कितने प्रभावशाली हैं, इसका मूल्‍यांकन
  7. प्रशिक्षित पुस्तकालय कर्मचारी: एक प्रशिक्षित लाइब्रेरियन यानी लाइब्रेरी-कर्मचारी, अर्थात एक ऐसा कर्मचारी जिसको लाइब्रेरी चलाने का प्रशिक्षण मिला हो, किसी भी सामुदायिक-पुस्तकालय के लिए ज़रूरी है। वह पुस्तकालय और आस-पास के समुदाय के बीच सम्बन्धों को रखने वाले यानी रिलेशनशिप-मैनेजर, रीड-अलाउड — यानी पठन-पाठन और कहानी सुनाने — के विशेषज्ञ, शिक्षक, और सूचना विशेषज्ञ का काम भी करते हैं। उन्हें अपने काम के अनुरूप वेतन के साथ-साथ क्षमता-निर्माण और पेशेवर विकास के लिए अवसर मिलने चाहिए।

क्या आप एक मॉडल लाइब्रेरी में काम कर रहे हैं?

प्रस्तुत है, निःशुल्क पुस्तकालयों के लिए एक जांच-सूची, जिससे वे देख सकते हैं कि एक आदर्श लाइब्रेरी बनने के सफर में वे अभी कहाँ हैं:

  1. नि: शुल्क अच्छा है
    • आप एक मुफ्त लाइब्रेरी हैं, मतलब कि आप किसी भी लाइब्रेरी सेवा के लिए कोई शुल्क नहीं लेते हैं।
    • आप सभी का स्वागत करते हैं, चाहे उनकी जाति, धर्म, लिंग, विकलांगता, या यौन अभिविन्यास कुछ भी हो।
  2. लाइब्रेरी स्पेस यानी पुस्तकालय का स्थान
    • आपके पास लाइब्रेरी बिल्डिंग और अन्य इंफ्रास्ट्रक्चर है, या
    • आपके पास फ़िलहाल एक अस्थायी व्यवस्था है और आगे चल के पक्के कमरे या बिल्डिंग में पुस्तकालय चलाने का प्लान है, या
    • आप एक लाइब्रेरियन के रूप में अलग-अलग निःशुल्क पठन-स्थान या पुस्तकालयों में जाते हैं
  3. लाइब्रेरी टीम
    • आपके पास निर्धारित दिनों पर पुस्तकालय खोलने के लिए, पुस्तकालय और पुस्तक-संग्रह को बनाए रखने के लिए, पुस्तकालय कार्यक्रम चलाने और सभी सदस्यों की सुरक्षा और देख-रेख के लिए, समर्पित लाइब्रेरियन या पुस्तकालय कर्मचारी हैं।
  4. पुस्तकों का संग्रह
    • लाइब्रेरी में इतनी किताबें हैं कि सदस्य और किताब कम-से-कम १:७ के अनुपात में हैं।
    • संग्रह सदस्यों के रूचि और पठन के स्तर के अनुकूल है।
    • संग्रह में किन प्रकार की किताबें हैं, किताबों की भाषा, और उनके पठन का स्तर, सदस्‍यों की आकांक्षाओं के अनुकूल है।
  5. रीडिंग या पठन प्रोग्राम पुस्तकालय के उन सदस्यों के लिए बनाया गया है जो पठन में सबसे कमज़ोर हैं
    • दैनिक / साप्ताहिक रीड-अलाउड या बोल-के-पढ़ना
    • कहानियां सुनना
    • साक्षरता व पढ़ने-में-प्रवाह के लिए प्रोग्राम
    • बुक क्लब
    • पुस्तक वार्ताएं
  6. अन्य लाइब्रेरी प्रोग्राम
    • कला और शिल्प
    • स्वास्थ्य और कल्याण
    • डिजिटल/इंटरनेट सुविधाएं
    • खेल
    • सामुदायिक रुचि से जुड़े कार्यक्रम
    • स्कूल / कॉलेज पाठ्यक्रम आदि के लिए ट्यूशन
  7. दस्तावेज़ीकरण और कैटलॉगिंग: आप दस्तावेज़ीकरण प्रथाओं का पालन करते हैं, जैसे
    • अपने संग्रह में सभी पुस्तकों का लिखित/कंप्यूटर रिकॉर्ड सूचीबद्ध करना और रखना
    • नाम/लाइब्रेरी-आईडी/संपर्क-जानकारी/जनसांख्यिकीय विवरण आदि के साथ सदस्यों का डेटाबेस रखना (साथ ही साथ, सदस्यों की प्राइवेसी यानी गोपनीयता से जुड़े आचरण व प्रक्रियाओं का पालन करना)
  8. सर्कुलेशन: आप सदस्यों को किताबें जारी करते हैं, यानी
    • सदस्यों को कुछ दिनों या हफ़्तों के लिए किताबें घर ले जाने की सुविधा प्रदान करते हैं
    • किताब के खो जाने या फट जाने पर आप कोई जुर्माना नहीं लेते हैं
  9. सामुदायिक स्वामित्व (समुदाय का पुस्तकालय के कार्यकलाप से पूरा जुड़ाव)
    • आपके पुस्तकालय में समाज के सभी वर्ग के लोगों को आने की अनुमति है, यानी आपका पुस्तकालय समावेशिता नीति का पालन करता है।
    • आप नाबालिगों के अभिभावकों (उनके माता, पिता, या अन्य देख-रेख करने वाले) और स्थानीय समुदाय के लीडर या नेताओं के साथ विश्वास का संबंध बनाए रखते हैं।
    • आप पुस्तकालय से संबंधित कार्यक्रमों और निर्णयों में पुस्तकालय के सदस्यों को भी शामिल करते हैं।
    • आप अपने समुदाय में नियमित रूप से सामुदायिक आउटरीच और संबंध-निर्माण वाले कार्यक्रमों का आयोजन करते हैं।
  10. नीतियां और सुरक्षा का प्रबंध — हर एक के लिए 
    • नए सदस्यों के लिए प्रवेश-नीति और ओरिएंटेशन (अभिविन्यास)
    • समावेशिता नीति (समुदाय के कमजोर सदस्यों की सुरक्षा)
    • सदस्यों, कर्मचारियों, और कार्यकर्ताओं के लिए आचार संहिता
    • सुरक्षा नीति
    • डिजिटल सुरक्षा और जिम्मेदारी
  11. फ्री-लाइब्रेरी (निःशुल्क पुस्तकालय) का प्रचार और उसके बारे में बातचीत
    • आप अपने समुदाय में निःशुल्क पुस्तकालयों के बारे में जागरूकता पैदा करते हैं
    • आप निःशुल्क पुस्तकालयों के महत्व के बारे में बातचीत या पहल करते हैं
    • आप निःशुल्क पुस्तकालय आंदोलन के लिए अपने समय या संसाधनों का योगदान ऍफ़.एल.एन या अन्य प्लेटफार्मों के माध्यम से देते हैं

लाइब्रेरी पाठ्यक्रम क्या है?

लाइब्रेरी करिकुलम यानी पुस्तकालय पाठ्यक्रम पठन, कला व शिल्प, डिजिटल साक्षरता, वयस्क शिक्षा, खेल और किसी समुदाय की अन्य कोई भी आवश्यकता की पूर्ति का — शिक्षा-शास्त्र पर आधारित — एक व्यवस्थित माध्यम है। रीड-अलाउड या बोल-के-पढ़ना, रीडिंग फ्लुएंसी या प्रवाह में पढ़ना, किताबों पर चर्चा, बुक-क्लब, कला कार्यशालाएं, स्वास्थ्य और कल्याण से जुड़े कार्यक्रम — ये सब प्रोग्राम पुस्तकालय पाठ्यक्रम के तहत आ सकते हैं। हर तरह के पाठ्यक्रम को फ्री-पुस्तकालय के लक्ष्य और मूल्यों के आधार पर रचा जाना चाहिए। और साथ ही, इस बात का पूरा ध्यान रखना चाहिए कि पुस्तकालय पाठ्यक्रम सभी के — ख़ास कर कमज़ोर वर्ग के लोगों के — पहुँच में हो।


सेक्शन 3: एफ.एल.एन पुस्तकालयों और पुस्तकालय में काम करने वालों (लाइब्रेरी प्रैक्टिशनर्स) की कैसे सहायता कर सकता है?

क्या एफ.एल.एन पुस्तकालयों और परियोजनाओं (प्रोजेक्ट्स) को आर्थिक सहयोग देता है?

नहीं, एफ.एल.एन. सीधे पुस्तकालयों और उनकी परियोजनाओं को फंड नहीं करता है, अर्थात उनको पैसे नहीं देता है। लेकिन एफ.एल.एन. उनको अन्य संस्थाओं से पैसे मिलने के अवसर और रास्तों के बारे में दिशानिर्देश दे सकता है। 

एफ.एल.एन. निःशुल्क पुस्तकालयों को चलाने में कैसे मदद कर सकता है?

एफ.एल.एन. स्वयं निःशुल्क पुस्तकालयों या किसी विशेष निःशुल्क पुस्तकालय प्रोग्राम को चलाने में मदद नहीं करता है। एफ.एल.एन. पूरी तरह से सलाहकारी और सहयोगी संगठन है, जो निम्नलिखित प्रकार से सहायता प्रदान करता है: 

  1. निःशुल्क-पुस्तकालय कार्यकर्ताओं का करीबी रूप से मार्गदर्शन: एफ.एल.एन. उन सभी लोगों को सलाह और मार्गदर्शन (मेंटरशिप) प्रदान करता है जो भारत और दक्षिण एशिया में निःशुल्क-पुस्तकालय चला रहे हों या फिर चलाने वाले हों। मार्गदर्शन पठन कार्यक्रम, किताबों का चयन व ख़रीदारी, पुस्तकालय का स्तर, पुस्तकालय में जिस सामुदाय के सदस्य आते हैं उस समुदाय के साथ बात-चित, इत्यादि।
  2. क्षमता का निर्माण: एफ.एल.एन के सभी सदस्य पुस्तकालय चलाने के (लाइब्रेरियनशिप) मुफ्त प्रशिक्षण और कार्यशालाओं के हकदार हैं, जिसमें साल में एक बार बोल-के-पढ़ने (रीड-अलाउड) का प्रशिक्षण, समावेशिता (इन्क्लूसिविटी) प्रशिक्षण, सामाजिक (सोशल)-मीडिया कार्यशाला, पुस्तक-चयन व पुस्तक-संग्रह बनाने का तरीका, सामुदायिक भागीदारी (कम्युनिटी इंगेजमेंट) इत्यादि शामिल हैं। एफ.एल.एन के सदस्यों को सलाह या कार्यशालाओं के माध्यम से अन्य सदस्यों के साथ अपनी निपुणता व अपना ज्ञान साझा करने के लिए भी आमंत्रित किया जाता है।
  3. एकजुटता (सॉलिडेरिटी) एवं संसाधनों का मिल-जुलकर प्रयोग (रिसोर्स शेयरिंग): एफ.एल.एन. के सदस्य व्हाट्सएप, फेसबुक, इंस्टाग्राम, और ट्विटर जैसे सोशल मीडिया प्लेटफार्मों के माध्यम से एक दूसरे से जुड़े हुए हैं। ये प्‍लेटफॉर्म सदस्‍यों को निःशुल्क पुस्‍तकालय चलाने से जुड़े अपने रोजमर्रा के अनुभव और जमीनी स्‍तर पर अर्जित ज्ञान को साझा करने का अवसर प्रदान करते हैं। इसके अलावा, ये प्लेटफ़ॉर्म लाइब्रेरियनों को एक-दूसरे से मदद लेने या देने में; या नई नौकरियों, वर्कशॉप और प्रोग्रामों की खबर फ़ैलाने में भी मददगार साबित होते हैं।
  4. सब-के-लिए-पुस्तकें कार्यक्रम (बुक्स-फॉर-आल प्रोग्राम): एफ.एल.एन. से जुड़े सदस्य-पुस्तकालयों को बुक्स-फॉर-आल (बी.ऍफ़ ए) प्रोग्राम, यानी सब-के-लिए-पुस्तकें कार्यक्रम, के तहत उत्तम कोटी की किताबों का एक सेट भेंट में दिया जाएगा। इन किताबों का चयन पुस्तकालय की ज़रूरतों को ध्यान में रखते हुए किया जाएगा। पुस्तकें कब दी जाएंगी, ये उनकी उपलब्धता पर निर्भर रहेगा। बी.एफ.ए. कार्यक्रम के तहत एफ.एल.एन सदस्यों को प्रकाशक-डिस्काउंट भी मिलता है, जो सिर्फ मुफ्त-लाइब्रेरी के लिए होते हैं। अधिक जानकारी के लिए, booksforallfln@gmail.com को लिखें।
  5. लोगों को निःशुल्क पुस्तकालयों के महत्व, और पुस्तकालय आंदोलन के लिए पैसों की ज़रुरत, के प्रति जागरूक करना: एफ.एल.एन. पुस्तकालय में काम करने वालों और कार्यकर्ताओं को, सरकार, जनता, प्रकाशकों, लेखकों जैसे प्रमुख संस्थाओं (स्टेकहोल्डर्स) से जोड़ने का अवसर प्रदान करता है। वे आपस में किताबों और ज्ञान-अर्जन से जुड़े संसाधनों की लोगों तक की पहुँच की चर्चा कर सकते हैं। इससे नि:शुल्क पुस्तकालयों के लिए — कानून, नीति, और राजस्व के रूप में — अधिक समर्थन और सहायता की संभावना बढ़ जाती है।

सेक्शन 4: मैं एफ.एल.एन. का सहयोग कैसे कर सकता हूं?

एक एफ.एल.एन. सदस्य की हैसियत से

  1. एक उत्तम स्तर का निःशुल्क पुस्तकालय (फ्री-लाइब्रेरी) चला के, जहां सभी का स्वागत होता है। ऐसे पुस्तकालय में किस प्रकार की उपलब्धियां होनी चाहिए, सेक्शन 2 में वर्णित है। s
  2. आपके पास जो भी संसाधन हैं उससे अन्य फ्री-लाइब्रेरी कार्यकर्ताओं और एफ.एल.एन. सदस्यों को सहयोग दें।
  3. एफ.एल.एन. द्वारा किए जा रहे अनुसंधान और प्रचार कार्यों में योगदान दें।
  4. निःशुल्क पुस्तकालयों से जुड़े प्रशिक्षण कार्यशाला आयोजित करें और उनमें भाग लें।
  5. एफ.एल.एन. आम-सभा बैठकों और चुनावों में भाग लें। 
  6. अपने घर-परिवार, दोस्तों, समुदाय के लोगों से निःशुल्क पुस्तकालय आंदोलन के बारे में बातचीत जारी रखें।

एक गैर-एफ.एल.एन. सदस्य के रूप में

  1. एफ.एल.एन. सदस्यों को पुस्तकालय चलाने के क्रियाकलाप (लाइब्रेरियनशिप) और उससे संबंधित कार्य सीखाने के लिए निःशुल्क प्रशिक्षण और कार्यशालाओं का आयोजन करें।
  2. अपने विशेष कौशल (शिक्षा, प्रौद्योगिकी, कानूनी, लेखांकन आदि) एफ.एल.एन. को निःशुल्क (प्रो-बोनो) प्रदान करें। 
  3. अगर आप किसी संगठन या संस्था से जुड़े हों तो अपने संगठन के संसाधनों व कार्यक्रमों को एफ.एल.एन. सदस्य-पुस्तकालयों तक निःशुल्क (प्रो बोनो) पहुँचाएं।
  4. स्वयं एफ.एल.एन. या एफ.एल.एन.के किसी सदस्य-पुस्तकालय की गतिविधियों के लिए आर्थिक सहायता दें।
  5. उन क्षेत्रों व स्थानों में जहाँ आपका प्रभाव हो, निःशुल्क पुस्तकालय आंदोलन का प्रचार करें।